जमुई की महिलाएं सामाजिक सरोकार से जुड़ी समस्याओं में रखती है दिलचस्पी,महिला संवाद से सामने आई बात।

जमुई में महिला संवाद कार्यक्रम में जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की सशक्तिकरण की कहानियाँ गाँव-गाँव में गूंज रही हैं। कार्यक्रम के दौरान महिलाएं न केवल अपनी संघर्षों की दास्ताँ और सफलता की कहानियां साझा कर रही हैं, बल्कि वे इस मंच पर अपनी समस्याओं और आकांक्षाओं को भी मुखरता के साथ रख रही हैं। हर दिन 22 गाँवों में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में 5 से 7 महिलाएं अपनी व्यक्तिगत संघर्ष और आत्मनिर्भरता की कहानियों को रख रही हैं, जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं। कार्यक्रम में महिलाओं को जीविका, सतत जीविकोपार्जन योजना, कन्या उत्थान योजना, बालिका प्रोत्साहन योजना, पोशाक योजना, साइकिल योजना समेत अन्य योजनाओं की जानकारी दी जा रही है|जमुई जिले में जीविका द्वारा संपोषित 1245 ग्राम संगठन में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है, जिसमें कुल 539 ग्राम संगठन में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है| प्रतिदिन लगभग पांच हजार महिलाएं कार्यक्रम का हिस्सा बन रही हैं|लक्ष्मीपुर प्रखंड के गौरा गाँव में गुरुदेव ग्राम संगठन के द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में सतत जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी शांति जीविका स्वयं सहायता की सदस्य नीलम देवी कहती हैं, कि योजना से जुडाव से पहले उनकी स्थित काफी दयनीय थी| दो वक्त का भोजन भी सही से हो नहीं पाता था, बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पाती थी| लेकिन जीविका समूह से जुड़ने के बाद उन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ मिला| किराना दुकान से अपने सफ़र की शुरुआत करने वाली नीलम देवी आज श्रृंगार दुकान, पशुपालन एवं खेती से जुड़कर अपनी तकदीर सवाँर चुकी हैं| इस तरह की कई कहानियां संवाद कार्यक्रम में देखने और सुनने को मिल रही है|
लक्ष्मीपुर प्रखंड में ही एसजेवाई-एमआरपी के पद पर काम कर रही सीता देवी बताती हैं की गौरा एवं चिन्वेरिया पंचायत के 30 अत्यंत ऐसे गरीब परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ मिला है, जो आज गरीबी के दुष्चक्र को तोड़कर समाज में एक पहचान बना चुके हैं| सीता बताती हैं कि जीविका परियोजना की वजह से आज उसकी एक अलग पहचान है और स्वयं खुद को सक्षम मानती हैं| एक समय था, वह साइकिल भी नहीं चलाना जानती थी, लेकिन आज वह स्कूटी भी चलाती हैं| गाँव-गाँव जाकर इस योजना से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों को आगे बढ़ने में मदद करती हैं| कार्यक्रम में महिलाओं ने सामूहिक शौचालय, वृद्धा पेंशन में बढ़ोतरी, लघु कुटीर उद्योग की माग, नल-जल,कोल्ड स्टोरेज की मांग को प्रमुखता से उठाया|महिला संवाद का यह कार्यक्रम महिलाओं को अपने परिवार एवं गांव की समस्याओं और आकांक्षाओं को चिन्हित कर एवं उसका प्राथमिकता निर्धारित कर विकास की कार्ययोजनाओं के सूत्रीकरण का एक बेहतरीन मंच है। जिले के सभी प्रखंडों में महिलाएं उत्साह से भाग लेते हुए मुखरता के साथ अपनी अपनी आकांक्षा महिला संवाद कार्यक्रम में सांझा कर रही हैं|

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