कोर्ट कर्मी ने कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश को सौंपा ज्ञापन
शेखपुरा. अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान प्राप्त आश्वासनों पर सरकार द्वारा अभी तक अमल नहीं किए जाने से न्यायालय कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा है. इस संबंध में बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ ने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें सभी लंबित मांगों को शीघ्र पूरा करने को लेकर अंतिम आग्रह के साथ फिर से हड़ताल करने की चेतावनी दी है. जनवरी माह में न्यायालय कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया था. जिसे पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से सरकार की सहमति से मांगे मान लेने पर समाप्त किया गया था. लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई प्रतिफल नहीं आने से इन सभी में फिर से आक्रोश पनपना शुरू हो गया है. पटना उच्च न्यायालय द्वारा पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीके बजंथरी, राजीव रंजन प्रसाद और पार्थ सारथी के साथ-साथ महानिबंधक, विधि सचिव, वित्त सचिव और कर्मचारी संघ के प्रधान को पदधारको को मिलाकर उनकी समस्याओं को समाधान के लिए कमेटी का गठन किया गया था. इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के प्रदेश संगठन सचिव अजीत कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की चार मांगे प्रमुख है. जिनमें प्रोन्नति, वेतन पुनरीक्षण, पदनाम आदि में परिवर्तन, अनुकंपा पर बहाली आदि शामिल है. बिहार राज्य में अभी भी न्यायालय कर्मचारियों को पेशकार, बेंच क्लर्क, कर्मी आदि नाम से पुकारा जाता है. जिससे उनकी पहचान और गरिमा प्रश्न चिन्ह के दायरे में आती है. जबकि देश के अन्य राज्यों में उन सभी के पद नाम परिवर्तितकिया जा चुके हैं.