वर्ष 2025 शेखपुरा को विकास के मामले में भारत के मानचित्र पर लाना डीएम आरिफ अहसन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। शेखपुरा की अर्थव्यवस्था में मुख्यत: पत्थर और प्याज की भूमिका है, जो इस जिले के मुख्य आर्थिक स्रोत हैं। हालांकि, इस सीमित आधार पर आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और विविधता लाना जरूरी होगा। इसके लिए जिले में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देना, कृषि के उन्नत तरीके अपनाना और नए रोजगार अवसर सृजित करने की आवश्यकता है।सिंचाई की व्यवस्था में सुधार करना भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा, ताकि जिले में कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सके और किसानों की आय में सुधार हो। इसके अलावा, शेखपुरा को आकांक्षी जिला होने के नाते भारत सरकार द्वारा संचालित शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा। इन क्षेत्रों में निवेश और सुधार से शेखपुरा के लोगों का जीवनस्तर बेहतर हो सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और किसानों के लिए उन्नत कृषि तकनीक को बढ़ावा देने,घाट कुसुंभा ब्लॉक अंतर्गत हरुहर नदी की समस्या और उसका समाधान, ,बरबीघा का लंबित सिंचाई ,मौरा से पौरा ,शेखपुरा दनियांवा नई रेल परियोजना ,सहित कई ऐसे सवाल है, जिससे डीएम को वर्ष 2025 में जूझना होगा।अगर इन समस्याओं के निदान में कार्य होती है तो निश्चित रूप से डीएम के सफल नेतृत्व में जिले का विकास को गति मिलेगी।शेखपुरा के विकास के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर एक समग्र योजना बनानी होगी, ताकि जिले के सभी पहलुओं में सुधार किया जा सके और उसे भारत के प्रमुख विकासशील जिलों में शामिल किया जा सके। यह एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन अगर सही दिशा में कार्य किया जाए तो शेखपुरा के विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।कुल मिलकर डीएम को टीम के साथ ही जनप्रतिनिधि से भी समन्वय बनाना होगा ताकि विकास की गति तीव्र बना रहे। डीएम युवा है और योजनाओं पर पकड़ भी है ,संचिकाओं का निबटारा करने की बारीकी भी है।अब देखना होगा अपने काबिलियत का परिचय देते हुए डीएम साहब शेखपुरा की तस्वीर किस रूप में बदले है?
|