भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने उपमहाद्वीप में एक नई चिंता की लहर फैला दी है। सीमा पर बिगड़ते हालात के मद्देनजर देश के भीतर अलर्ट की स्थिति घोषित कर दी गई है। शिक्षण संस्थानों, एयर पोर्ट,रेलवे स्टेशन और पूजा स्थल के साथ देश के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। नागरिकों से भी संयम और सतर्कता बरतने की अपील की गई है।इसी पृष्ठभूमि में भारत द्वारा आरंभ किया गया ऑपरेशन सिंदूर न केवल देश के लिए गर्व का विषय बना है, बल्कि उसने विश्व समुदाय के समक्ष भी भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और मानवीय मूल्यों की मिसाल पेश की है। यह अभियान, जो न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अभूतपूर्व रहा, वैश्विक पटल पर भारत की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक ले गया है।ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत केवल अपनी सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि संकट की घड़ी में वह मानवता के पक्ष में भी मजबूती से खड़ा है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने भी इस अभियान की भूरी-भूरी प्रशंसा की है, इसे सामरिक चातुर्य और मानवीय करुणा का अद्वितीय संगम बताया है।जहां एक ओर देश के भीतर लोग सतर्क और सजग हैं, वहीं दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर ने यह संदेश दिया है कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन यदि आवश्यकता पड़ी तो वह अपने नागरिकों और मानवता की रक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। यह अभियान आने वाले समय में न केवल सामरिक रणनीतियों में बल्कि वैश्विक राजनीति में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।
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