यातायात पुलिस को मिला हाईटेक वाहन,अब नहीं बच पाएंगे नियम तोड़ने वाले,तेज रफ्तार, बिना कागजात, बीमा या प्रदूषण प्रमाणपत्र फेल – चालान कटेगा अपने आप।
शेखपुरा की सड़कों पर यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों की खैर नहीं। जिले के यातायात थाना को एक अत्याधुनिक वाहन मिला है, जो न सिर्फ ट्रैफिक नियमों की निगरानी करेगा, बल्कि चालान की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑटोमैटिक बना देगा। यह वाहन अब ट्रैफिक पुलिस की आंख और कान की तरह सड़कों पर गश्त करेगा और नियम तोड़ने वाले ड्राइवरों को तत्काल चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।इस तकनीकी वाहन में उन्नत कैमरा प्रणाली,
रडार आधारित गति सेंसर, और ऑटो चालान जेनरेटिंग सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। वाहन 150 मीटर की दूरी तक किसी भी चलते वाहन को स्कैन कर सकता है। जैसे ही कोई गाड़ी तय गति सीमा से अधिक तेज चलती है या उसके कागजात जैसे एश्योरेंस, फिटनेस, प्रदूषण प्रमाणपत्र आदि फेल पाए जाते हैं, वैसे ही वाहन उस पर कार्रवाई करता है और चालान स्वत: वाहन मालिक के नाम पर जारी हो जाता है।क्या है इस हाईटेक वाहन की खासियतें:150 मीटर तक की स्कैनिंग क्षमता तेज गति वाले वाहनों की स्वचालित पहचान रजिस्टर्ड डाटा से मिलान कर कागजात की स्थिति जांच ऑनलाइन चालान जनरेट और त्वरित रिकॉर्डिंग किसी मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं
यातायात थाना प्रभारी ने बताया कि यह व्यवस्था शहर को सुरक्षित और अनुशासित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब कोई यह कहकर नहीं बच सकता कि पुलिस नहीं थी, इसलिए हेलमेट नहीं पहना, या बीमा नहीं कराया। मशीनें चुपचाप सब देख रही हैं उन्होंने कहा।शहरवासियों और बाहरी वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे सभी वाहन का दस्तावेज साथ रखें और वाहन की गति सीमा का पालन करें। चालान जारी होते ही वाहन मालिक के मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए सूचना दी जाएगी, साथ ही पोर्टल पर रिकॉर्ड भी दिखेगा।
जिला प्रशासन और परिवहन विभाग मिलकर भविष्य में इस तकनीक को और व्यापक स्तर पर लागू करने की योजना बना रहे हैं। आने वाले समय में शहर के प्रमुख चौक-चौराहों और प्रवेश मार्गों पर भी इसी प्रणाली के कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि निगरानी और कड़ी हो सके।प्रशासन की मंशा स्पष्ट है — सुरक्षित यातायात, अनुशासित समाज। लेकिन तकनीक तभी सफल होगी जब आमजन जागरूक और सहयोगी बनें। वाहन चलाते समय नियमों का पालन करना अब केवल कानून का डर नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी बन चुकी है।