सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने से गुस्से में है न्यायलय कर्मी।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के मांगों पर जारी आदेश का अभी तक अनुपालन नहीं होने पर बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ ने इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय में निकटतम भविष्य में अवमानना का वाद दायर कर सकते है इस संबंध में संघ द्वारा विधि विभाग से सर्वोच्च न्यायालय के पारित आदेशों के अनुपालन में अब तक किए गए सभी कार्यों और विभागों के साथ किए गए पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवहार न्यायालय कर्मियों के 1 जनवरी 2006 के प्रभाव से पद के अनुरूप उच्चतर वेतनमान निर्धारण एवं 1 अप्रैल 2003 के प्रभाव से नियमों के तहत प्रोन्नति नहीं दिए जाने का आदेश जारी किया था इस संबंध में बिहार राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी के हवाले से प्रदेश संगठन सचिव व जिला इकाई मीडिया प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में 1022 /1989 सिविल रिट पिटीशन दाखिल किया गया था जिसमें पटना उच्च न्यायालय को विधि विभाग के माध्यम से कर्मचारियों के सभी मांगों को कार्यान्वित करने का आदेश पारित किया गया था इस संबंध में आदेश के अनुपालन में विसंगतियों पर संघ को याचिका दायर करने का भी आदेश दिया गया था सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी विधि विभाग वित्त विभाग कार्मिक विभाग के संयुक्त प्रयासों से संपन्न होना था परंतु इस संबंध में अभी तक कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हुआ है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जाना अत्यंत की दुर्भाग्यपूर्ण है न्यायालय के आदेश के बावजूद कर्मचारी 20 वर्षों से लाभ से वंचित में कई सेवानिवृत्ति भी हो चुके हैं और कई का निधन भी हो चुका है इसलिए अब कर्मचारी संघ में इस पूरे मामले में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना कि निकटतम भविष्य में लाने का निर्णय ले सकता है !

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